एक से ज्यादा बैंक अकाउंट है तो ध्यान दें- खराब हो सकता है क्रेडिट स्कोर, जानिए क्यों?
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Mon, Jun 14, 2021 01:13 PM IST
Banking Alert: मोहन एक आईटी प्रोफेशनल हैं और उन्होंने अपने 10 साल के करियर में पांच कंपनियां बदली हैं. कंपनी बदलने के दौरान सैलरी के लिए नए-नए बैंक में खाते खोले गए. नए खाते तो खोले गए, लेकिन कोई पुराने खाता बंद नहीं कराया. एक दिन मोहन को पता चला कि उनके एक खाते से धोखाधड़ी हो गई है. ऐसा सिर्फ मोहन के साथ नहीं, बल्कि आपके साथ भी हो सकता है. अगर आपके भी एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं और वह इस्तेमाल के नहीं या फिर उनमें से कोई निष्क्रिय हो गया है तो उन्हें बंद करा दीजिए. नहीं तो नुकसान हो सकता है.
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मिनिमम बैलेंस का झमेला
एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है. अपने हर अकाउंट को मेनटेन करने के लिए उसमें राशि का एक तय अमाउंट (Minimum Balance) रखना ही होता है. मतलब एक से ज्यादा अकाउंट होने से आपका बड़ा अमाउंट तो बैंकों में ही फंस जाएगा. उस राशि पर आपको ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 फीसदी ही सालाना रिटर्न (Savings Bank account Interest rate) मिलता है. वहीं, अगर सेविंग अकाउंट में पैसे रखने के बजाए दूसरी योजनाओं में लगा दें तो आपको सालाना रिटर्न के तौर पर ज्यादा ब्याज मिलेगा.
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लगते हैं ये एक्स्ट्रा चार्जेज
कई अकाउंट होने से आपको सालाना मेंटनेंस फीस (Bank account maintainance free) और सर्विस चार्ज (Bank service charge) देने होते हैं. क्रेडिट (Credit card) और डेबिट कार्ड (Debit card) के अलावा अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए भी बैंक आपसे पैसे चार्ज करता है. तो यहां भी आपको काफी पैसों का नुकसान उठाना पड़ता है.
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क्रेडिट स्कोर होता है खराब
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रहती है नजर
ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से टैक्स जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कागजी कार्रवाई में भी ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ती है. साथ ही इनकम टैक्स (ITR return file) फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां रखनी पड़ती है. अक्सर उनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाना काफी पेचीदा काम हो जाता है. सभी बैंकों की डीटेल नहीं देने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर में आ जाते हैं.
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